समर्पण भाव
समर्पण भाव
छलनी करते दिल को मेरे, सवाल भेदते जाते हैं
फिर भी हम सब सह कर अपना प्रेम जताते हैं
चीर के दिल दिखलाना मुश्किल, फिर भी
भाव समर्पण का दिल में है, यकीं तुम्हे दिलाते हैं।
माना तुमको छला गया, प्यार की मीठी चालों से
बीत गई सो उसे भुलाओ, निकलो वक्त के जालों से, कल जो गुजरा, गुजर गया वो, लौट नहीं फिर आएगा,
पर देखोगे पलट पलट कर, आगे चला ना जाएगा।
कैसे दिलाऊं तुम्हें भरोसा प्रेम पवित्र हमारा है
जो भी है बस तुम ही तुम हो बाकी नहीं सहारा है
संशय के भावों को लेकर कदम सदा लड़खड़ाएंगे
है विश्वास अगर पक्का तो मंजिल हम पा जायेंगे।
मन मंदिर में बसी हुई तेरी मोहिनी मूरत है
भले करे शरारत जितनी दिल में सूरत तेरी है
प्रेम समर्पण विश्वास मांगता वरना पनप ना पाता है
जिस दिल में हो जरा भी शंका, जीते जी मर जाता है।।
आभार – नवीन पहल – १३.०१.२०२३💕💕
# pra
madhura
16-Jan-2023 12:49 PM
adbhut rachna
Reply
Abhinav ji
14-Jan-2023 07:40 AM
Nice 👍👍
Reply
Shashank मणि Yadava 'सनम'
14-Jan-2023 07:21 AM
बहुत ही सुंदर
Reply